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कविता संग्रह >> चाँद का मुँह टेढ़ा है

चाँद का मुँह टेढ़ा है

गजानन माधव मुक्तिबोध

प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :296
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 562
आईएसबीएन :9788126308239

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अगर किसी ने स्वयं मुक्तिबोध की जबानी उनकी कोई रचना सुनी हो तो..कविता समाप्त होने पर ऐसा लगता है कि जैसे हम कोई आतंकित करनेवाली फिल्म देखने के बाद एकाएक होश में आये हों।

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